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आखिर कौन निकला ज्यादा शक्तिशाली जब हुआ हनुमान – रावण युद्ध
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आखिर कौन निकला ज्यादा शक्तिशाली जब हुआ हनुमान – रावण युद्ध हनुमान और रावण दोनों ही रामायण काल के शक्तिशाली योद्धा थे जिन्हे पराजित कर पाना बहुत कठिन था । शायद आप जानते होंगे हनुमान और रावण मे भी हुआ था युद्ध , आखिर किसकी हुई थी विजय ? आखिर कौन था महाशक्तिशाली ? आज के इस एपिसोड मेँ हम आपको इसी के बारे मेँ बताने वाले हैं । आपका यहाँ स्वागत है हम प्राचीन काल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ आपके लिए लेकर आते हैं | यदि आप यहाँ नए हैं तो हमें सपोर्ट करने के लिए अभी हमें फॉलो और सब्स्क्राइब करें ताकि आपको हमारी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ समय समय पर मिलती रहें । महाराज रावण ऋषि विश्रवा के पुत्र थे जो की महान ऋषि पुलस्त के वंशज थे , उन्हे बहुत से नामों से जाना जाता है। लंकाधीश , लंकेश , दशानन आदि उन्हीं के नाम हैं । वे एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा , महान विद्वान , महान वीणावादक और महादेव के बहुत बड़े भक्त थे । बड़ी घोर तपस्या करके उन्होंने ब्रहमा जी को प्रशन्न किया और ये वरदान पा लिया की उन्हे तीनों लोकों मे कोई भी मारने मे सक्षम न हो , ना कोई देव ना दानव न कोई राक्षक्ष उन्हे ...
सुहागन महिला को कभी नहीं पहननी चाहिए ये चीजे
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आज हम आपको बताएंगे की एक सुहागन महिला को कौन - सी चीजें या वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, अगर आपका पति भी बोले तो भी आपको ये चीजे नहीं पहननी चाहिएं क्योंकि ऐसा करने से आपके पति पर बहुत बड़ी मुसीबत आ सकती है। हिन्दू धर्म की संस्कृति में वास्तु शास्त्र को बहुत अधिक माना जाता है। हम किसी भी काम को शुरू करते है तो पहले वास्तु शास्त्र के बारे में पता करते है ताकि हमे भविष्य मेँ किसी बड़ी परेशानी का सामना न करना पड़े । आज के आधुनिक दौर में ज्यादातर शादीशुदा महिलाएं ऐसी वस्तुओं को पहन लेती हैं जिनके बारे में उन्हे पता भी नहीं होता की वास्तु शास्त्र के अनुसार इनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।शस्त्रों में ऐसा बिल्कुल नहीं लिखा है की सुहागन महिला को कुछ भी पहन लेना चाहिए, ऐसा करने से जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।यहाँ तक की परिवार रिस्ते और पति की जान पर भी आ सकती है, तो आइये जानते है की वो कौन सी चीजे है जो महिलाओं को कभी नहीं पहननी चाहिए । 1- सफेद रंग के कपड़े - शस्त्रों में बताया गया है की सुहागन महिला को एक दम सफेद रंग के कपड़े कभी नहीं पहनने चाहिए ऐसा क...
रावण ने मरने से पहले लक्ष्मण को बताईं थी ये ज्ञान की तीन बातें
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रावण को तो आप सभी जानते ही होंगे , लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो आप उनके बारे मेँ नहीं जानते हैं , रावण एक महान असुर होने के साथ - साथ एक महान शिव भक्त और बहुत बड़ा विद्वान भी था । उन्होंने बहुत - सी ज्ञान की बातें अपने जाने के बाद भी दुनिया वालों के लिए छोड़ी हैं । क्या आपको पता है जब श्री राम ने रावण का वध किया तो रावण ने कौन - सी तीन बातें मरने से पहले लक्ष्मण को बताई थीं ? आज हम आपको इसी के बारे मेँ बताएंगे । ज्ञान की वो तीन बातें जो रावण ने बताई :- पहली बात - शुभ काम को पूरा करने के लिए कभी भी लंबी प्रतीक्षा नहीं करना चाहिए; उसे विधि पूर्वक तुरंत पूरा करना चाहिए । क्योंकि रावण के कई सपने थे जिन्हे वह आलस्य ओर किसी ओर दिन की प्रतीक्षा मे सोचता रहा ,ओर रावण के वो सपने हमेशा अधूरे रहे । दूसरी बात- अपने प्रतिद्वंधि को कभी कमजोर मत समझो । क्योंकि रावण ने वानर भालुओं ओर दो तपशवियों राम ओर लक्ष्मण को कमजोर समझने की भूल की थी ओर वही रावण का काल साबित हुई । तीसरी बात- यदि अपने जीवन का कोई रहस्य हो तो उसे...
भगवान को 56 भोग क्यों लगाए जाते हैं ?
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आपने अक्सर सुना होगा की भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं , लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है की ऐसा क्यों है की भगवान को पूरे 56 भोग लगाए जाते हैं , 55 या 57 भोग क्यों नहीं ? आज हम इसी के बारे मेँ विस्तार से बात करेंगे । हिन्दू धर्म मेँ मूर्ति पूजा का विशेष महत्व है और लगभग हर देवी और देवता की हिन्दू धर्म मेँ मूर्ति पूजा की जाती है और इसी के साथ मेँ भगवान को भोग भी लगाया जाता है । भोग लगाने मेँ , पूजा करने मेँ और ईश्वर का समरण करने मेँ लोगों की अटूट आस्ता है और भगवान श्री कृषणा को सभी आस्तिक 56 भोग लगाते हैं। माना जाता है की माता यशोदा श्री कृषणा को प्रतिदिन आठ बार भोजन कराती थीं और हर बार अलग - अलग पकवान खिलाती थीं ।जब इंद्रदेव ने भयंकर बारिश की थी तो भगवान श्री कृषणा ने गाँव वालों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था । यह भयंकर बारिश पूरे सात दिन तक चलती रही थी और भगवान श्री कृषणा ने गोवर्धन पर्वत को लगातार सात दिन तक अपनी उंगली पर उठाए रखा था और इन सात दिनों मेँ उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था । जब सात दिन बाद बारिश रुक गई तो उन्होंने गोवर्धन पर्वत को नी...
शास्त्रों के अनुसार अगरबत्ती जलाना है सही या गलत
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क्या कभी आपके मन मेँ यह सवाल उठा है की जो अगरबत्ती हम पूजा के समय जलाते हैं वह सही है या गलत ? आपने देखा होगा की आजकल अगरबत्ती ज्यादा इस्तेमाल होने लगी है लेकिन पहले के समय मेँ लोग धूप लगाते थे । आजकल मंदिरों मेँ और ज्यादातर पूजा स्थलों पर अगरबत्ती का ही इस्तेमाल होने लगा हैं क्योंकि इसे जलाने मेँ बहुत आसानी होती है और समय भी कम लगता है । आज हम आपको इसी के बारे मेँ जानकारी देंगे की अगरबत्ती जलाना कितना सही है और कितना गलत । अगर आपको यह जानकारी सही लगे तो अपने परिवार और मित्रों को शेयर करना ना भूलें । हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे जलाया जाता है और उसे जलाने के लिए चिता मेँ बांस की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है । हिन्दू शास्त्रों मेँ यह साफ - साफ लिखा गया है की किसी भी व्यक्ति को अपने घर मेँ या पूजा स्थल पर बांस की लकड़ी नहीं जलानी चाहिए । ऐसा करने से हमारे जो पित्र होते हैं वो बहुत नाराज हो जाते हैं और हमें पित्र दोष का सामना करना पड़ता है जो हमारे पारिवारिक जीवन के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है । आपने देखा होगा की अगर...
इस पौधे की पत्तियां जलती हैं दिए की तरहा , इसे पांडवों की मसाल भी कहा जाता है
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प्र कृति मेँ अब भी ऐसी लाखों करोड़ों वनस्पतियाँ हैं जिनके बारे मेँ हम आजतक कुछ भी नहीं जानते हैं । प्रकृति ने अपने आप मेँ हैरतअंगेज खजाना छिपा रखा है जिसके बारे मेँ हम आजतक नहीं जान पाए हैं । ऐमज़ान के जंगलों के बारे मेँ तो आपने सुना ही होगा की कितने रहस्यमयी जंगल हैं जहां रोजाना कोई ना कोई नया जीव अथवा वनस्पति खोजी जा रही है । यह पाँड़वार पत्ती ( पांडवों की मशाल) है कुदरत हमेशा ही अपने अंदर हजारों राज छुपाए रखेगी चाहे हम कितनी भी खोज कर लें या उन राज से पर्दा उठाने की कोशिस कर लें । लेकिन हमारी कोशिशें भी नाकाम नहीं हुई हैं , प्राचीन काल से ही बहुत - सी ऐसी बातें हैं जो अपने मेँ काफी अनोखी हैं और हमने उनको जान लिया है । आज हम बात करेंगे महाभारत काल के एक ऐसे पौधे की जो बहुत अनोखा है और अपने आप मेँ बहुत - सी खूबियाँ छुपाए हुए है । क्योंकि यह पौधा महाभारत काल का है और इसका संबंध सीधे - सीधे तौर पर पांडवों से है इसलिए इसे पाँड़वार पत्ती ( पांडवों की मशाल) कहा जाता है । एक ऐसा पौधा , जिसे महाभारत के पांडवों ने अपने वनवास के द...
ऐसे पुरुष की पत्नी उसे छोड़कर पराए मर्द से प्यार करती हैं, शुक्राचार्य नीति
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शु क्राचार्य वैसे तो दानवों के गुरु थे लेकिन वो बहुत बड़े ज्ञानी और विद्वान थे । उन्होंने सभी को जीवन जीने मेँ सहायक बहुत सी ऐसी नीतियाँ बताई हैं जो इस दुनिया मेँ सबसे ज्यादा सटीक और सही बताई गई हैं । उनके द्वारा बताई गई नीतियों का सम्मान देवता भी करते थे । उन्होंने अपनी नीतियों मेँ एक सेवक से लेकर एक राजा तक के लिए नीतियों की रचना की है जिनका पालन करके सभी खुश और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं । आज हम आपको उनके द्वारा बताए हुए ऐसे पुरुषों के बारे मेँ बताएंगे जिनकी पत्नी उनका त्याग करके पराए मर्दों से प्यार करती हैं । इस जानकारी को पाकर आप अपने आपको अवश्य बदलें और अपनी पत्नी को गलत रास्ते पर जाने से रोके रखें जिससे आपका जीवन खुशियों भरा रहे। शुक्राचार्य जी ने बताया है की चरित्रहीन दुष्ट महिला के अलावा अगर कोई चरित्रवान महिला गलत रास्ते पर जाती है तो कहीं न कहीं पति की भी गलती होती है । एक महिला के जीवन मेँ उसके पति का व्यवहार बहुत अहमियत रखता है । चलीए जानते हैं कौन से हैं वो पुरुष जिनकी पत्नी उनसे विमुख हो जाती हैं । अत्यंत क्रोधी पुरुष :- अगर किसी महिला ...
ऐसे करें चरित्रहीन महिला की पहचान , चाणक्य नीति
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दो स्तों चाणक्य और चाणक्य द्वारा लिखी गई पुस्तक चाणक्य नीति के बारे मेँ कौन नहीं जानता । चाणक्य एक महान विद्वान हुए हैं जिन्होंने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति के माध्यम से लोगों को एक सफल जीवन जीने के बारे मेँ बताया है । चाणक्य नीति का मुख्य उद्देशय मानव जीवन की व्यावहारिक शिक्षा देना है । आज हम बात करेंगे की एक महिला के चरित्र के बारे मेँ कैसे जाने की वह किस प्रकार का चरित्र ग्रहण करती है । एक अच्छे चरित्र वाले इंसान के साथ रहकर आप हमेशा इज्जत पाते हैं और अपने जीवन को रोशन करते हैं वहीं अगर आपकी संगत मेँ कोई ऐसा आ जाए जिसका चरित्र अच्छा नहीं हो तो उसके साथ - साथ आपको भी लज्जा का सामना करना पड़ता है और आप भी अपनी इज्जत गंवा देते हैं । इसलिए अपना चरित्र हमेशा पवित्र रखें और संगत भी अच्छे चरित्र वाले लोगों से ही रखें । हि न्दू धर्म के ग्रंथ मनु श्रुति के अनुसार महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है जिससे उनकी पवित्रता बनी रहे और समाज मेँ उनकी इज्जत भी बनी रहे । अगर किसी महिला का चरित्र गिर जाए तो ऐसी महिला की समाज मेँ काफी निंदा होती है , अपमान होता है । एक चर...
धनतेरस पर भूल कर भी ना खरीदें ये सामान
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ध नतेरस हिन्दूओं का एक पवित्र त्योहार है। ये दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता है, इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। इस दिन खरीददारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है और इस दिन कोई भी सामान खरीदा हुआ बेकार नहीं जाता है। इस दिन नए बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। कुछ लोग धनतेरस के दिन मुख्य द्वार पर शुभता के लिए दीप भी जलाते हैं पर कुछ चीजे ऐसी हैं जो हमें धनतेरस पर नहीं खरीदनी चाहिए। अगर हम ये चीजे खरीद कर लाते है तो माँ लक्ष्मी हम से नाराज हो जाती हैं और हमारे घर में गरीबी और दरिद्रता आने लगती है। तो आइए जान लेते हैं की कौन सी हैं वो चीजे जो हमें गलती से भी धनतेरस पर खरीद कर घर नहीं लानी चाहिए। कांच का सामान न लें - धनतेरस के दिन कांच का सामान कभी नहीं खरीदना चाहिए । अगर आप इस दिन कांच का सामान खरीदकर घर लाते हैं तो इसे बहुत अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी कभी आपके घर में नहीं आएंगी। आपके घर में कंगाली आना शुरू हो जाएगी और आपको गरीबी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए गलती से भी धनतेरस के दिन कांच का सामान घ...
नाराज रहते है हनुमान जी इन लोगों से
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हनुमान जी कलयुग के एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए तुरंत पुहच जाते है। अपने भक्तों के सारे सकंट को हरने वाले हनुमान जी अष्टसिद्धयो के स्वामी है । वो अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते है। जो भी भक्त रोज हनुमान चालीसा का पाठ करता है और श्री राम का नाम जपता है उसके जीवन पर कभी भी बुरी शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता। हनुमान जी चिरंजीवी हैं, उन्हे प्रभु राम ने अंत तक मृत्यु लोक में निवाश करने का वरदान दिया है। इसलिए हनुमान जी आज भी जिंदा हैं और इसके कई प्रमाण हमे देखने को भी मिले है। उन्होंने अपने कई भक्तों को दर्शन भी दिये है और आज भी ऐसा माना जाता है की जिस स्थान पर नित्य श्री राम कथा का पाठ होता है वहाँ कथा सुनने हनुमान जी जरूर आते है।हनुमान जी जिस प्रकार अपने भक्तों की रक्षा करते है उसी प्रकार वह दुष्टों को दंड भी देते है। प्राचीन धर्म ग्रथों के अनुसार कुछ काम ऐसे है जिन्हे करने से व्यक्ति को हनुमान जी की कृपा नहीं मिलती और ऐसे व्यक्तियों को कलयुग के पापी माना गया है।अगर कोई आदमी या औरत ऐसे का...
अनर्थ होगा अगर करवा चौथ पर मांग मेँ लगाया ऐसे सिंदूर
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करवा चौथ के दिन का हर हिन्दू महिला के जीवन मेँ विशेष महत्व है । इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं । मांग मेँ लगाया गया सिंदूर हर महिला के सुहाग की निशानी होता है और करवा चौथ के दिन सिंदूर लगाने का तरीका भी बेहद महत्वपूर्ण होता है । क्या आप जानते हैं अगर इस दिन गलत तरीके से सिंदूर लगाया जाता है तो इसका परिणाम हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बेहद विनाशकारी होता है क्योंकि गलत तरीके से सिंदूर लगाने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं । वैसे माता पार्वती बहुत प्यारी हैं और वो अपने भक्तों की हर विनती हमेशा सुनती हैं , अगर करवा चौथ के दिन सही तरीके से उपवास रखा जाता है तो माता पार्वती बहुत प्रशनन होती हैं और भक्तों पर सदा अपनी कर्पया बनाए रखती हैं । शादीशुदा महिलाओं के लिए सिंदूर लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसे सुहाग की निशानी माना गया है पर कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो करवा चौथ के दिन गलत तरीके से मांग में सिंदूर लगाती हैं जिसका बुरा प्रभाव उनके पति पर पड़ने के साथ - साथ उनकी शादी शुदा जिंदगी पर भी पड़ता है, यहाँ तक की दोनों के ब...
साल भर नहीं होगी धन की कमी , दिवाली की रात करें ये काम
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दिवाली हिन्दूओं का पवित्र त्यौहार है और इस त्योहार का हर हिन्दू के जीवन मेँ विशेष महत्व हैं । जब श्री राम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा कर घर लौटे थे तो आयोद्धा वासियों ने अपनी खुशी जाहीर करने के लिए प्रशननता से घी के दिए जलाए थे । उसी दिन से दिवाली का त्योहार हर साल मनाया जाता है और इस दिन हर हिन्दू के घर मेँ लक्ष्मी पूजा की जाती है और दिए जलाकर घर के चारों और सजा दिए जाते हैं । लेकिन अगर इस दिन आप कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हैं तो आपके पास कभी भी धन की कमी नहीं होगी । आज हम आपको उन्ही विशेष बातों के बारे मेँ बताने वाले हैं । Happy Diwali यह तो हम सभी जानते हैं की दिवाली की रात गणेश और माता लक्ष्मी जी की आरती और पूजा की जाती हैं लेकिन हम मेँ से कुछ लोग नहीं जानते की पूजा करने के साथ – साथ और क्या काम करने चाहिए जिससे की माता लक्ष्मी की दया हम पर सदा बनी रहे और हमें कभी भी पैसे की कमी न हो । चलीए आपको उन सभी बातों की जानकारी देते हैं जो आपको विशेष रूप से ध्यान मेँ रखनी चाहिए । हर कमरे मेँ गुँजनी चाहिए शंख ध्वनि और घंटियों की आवाज :- विधि अनुसार पूजा करने के बाद आपको च...
जानिए गहरा राज , क्यों बांधते हैं लोग काला धागा
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अपने शरीर पर काला धागा बांधने के पीछे क्या राज और हकीकत हैं ? आज हम आपको इसी के बारे मेँ बताने जा रहे हैं । अक्सर आपने बहुत से लोगों को काला धागा बांधे देखा होगा ,क्या आपने यह जानने की कोशिश की कि लोग अपने पैरों पे काला धागा क्यों बांधते है ? कुछ लोग काला धागा शौक के लिए बांधते है तो कुछ लोग धार्मिक कारणों की वजह से बांधते है और वो इसे बेहद जरूरी भी समझते हैं । इसके पीछे लोगों के अलग अलग मतलब हैं। यदि आपको नहीं पता की लोग अपने पैरों मे काला धागा क्यों बांधते है तो यह जानकारी आपके लिए हैं ।आज की इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज हम आपको इसके पीछे के सभी राज बताने वाले हैं और साथ में यह भी की आखिर ऐसा करने से लोगों को क्या क्या फायदे होते हैं और हमने काला धागा अपने शरीर पर कहाँ बांधना चाहिए जिस से हमें अधिक लाभ मिल सके । काला धागा बांधने का एक वैज्ञानिक कारण भी है। हमारा शरीर पाच तत्व से मिलकर बना है और ये तत्व है पथ्वी, वायु, आग ,जल औरआकाश । ...
अमीर इंसान को भी निर्धन बना देती है ये गलतिया
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अगर आपके अंदर है ये आदते तो कभी अमीर नहीं बन पाओगे :- आपके घर में गरीबी आने की क्या -क्या वजह है,क्या -क्या कारण है, जो आपके घर में गरीबी लाते है। यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। आप इतनी मेहनत करते है, रात दिन पैसा कमाते है फिर भी आपके घर की गरीबी दूर नहीं होती तो इसका मतलब है की आपके अंदर और आपके परिवार वालों में बहुत सी बुरी आदते है जो आपकी गरीबी दूर नहीं होने दे रही है। आज आपको इसी के बारे में बताते है ,अगर आपके अंदर भी है ये बुरी आदते तो आज ही छोड़ दीजिए, गरीबी हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। अमीर इंसान को भी निर्धन बना देती है ये गलतिया :- पेड़ के नीचे पेशाब करना - अगर आप पेड़ के नीचे पेशाब करते है तो ये बहुत गलत और गंदी आदत है आप पेड़ के नीचे पेशाब न करे इससे आपके घर में गरीबी आती है और जीवन में परेशानिया आने लगती है। टूटी हुई कंघी - टूटी हुई कंघी से अगर आप बालों मे कंघी करते है तो ये बहुत गलत आदत है। इस आदत को आज ही छोड़ दीजिए। घर में कूड़ा इकठा करना - घर में अगर आप कूड़ा कर्कट इकठा करके रखते है जैसे अगर आपने झ...
श्राद्ध के दिनों मे न करें ये काम वरना हो जाएंगे पितर नाराज
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श्राद्ध के दिनों मे न करें ये काम वरना हो जाएंगे पितर नाराज श्राद्ध के दिनों मे हमे भूल कर भी नहीं करने चहिए ये सब काम जिस से हमारे पितर हम से नाराज हो जाए । आज हम आपको इसी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे । कहा जाता है की इन दिनों में जिन लोगों की मुत्यु हो चूकि है उनकी आत्मा पुथ्वी पर आती है और अपने परिवार के बीच रहती है । इसलिए इन दिनों में कोई भी शुभ `काम करना ठीक नहीं माना जाता । हमें इन दिनों मे नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए और न ही पहने चाहिए क्युकी श्राद्ध का महिना शौक व्यकत करने का होता है और नए कपड़ों की खरीददारी हम किसी त्योहार , शादी जैसे खुशी के माहोल में करते हैं । हमें इन दिनों सोना भी नहीं खरीदना चहिए क्युकी माना जाता है की ये खुशी का नहीं शौक व्यकत करने का समय होता है उनके लिए जो अब हमारे बीच नहीं है । हमे इन दिनों दाड़ी - मुछ और बाल भी नहीं कटवाने चहिए क्युकी इसका मतलब भी शौक व्यकत करने से है, न ही कोई नया वाहन लेना चहिए क्युकी इसे सुख से जोड़ कर देखा जाता है और जब हम शौक मे ह...
रक्षा बन्धन क्यों मनाया जाता है ? जानिए रक्षा बंधन से जुडा अनोखा राज
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Happy Raksha Bandhan रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं Happy Raksha Bandhan रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है ? क्या आप जानते हैं की रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है ? हम आपसे विनती करते हैं की पढ़ने के बाद शेयर जरूर करें ताकि हमारी जो नयी पीढ़ी है उसे पता चले की रक्षा बधन का कितना महत्त्व है ! Why We Celebrate Raksha Bandhan इसलिए मनाया जाता है रक्षा बंधन :- बहुत पुराने समय की बात है , रानी कर्णावती व सम्राट हिमायू के बीच हुवे एक किस्से के बाद से रक्षा बंधन की शुरुवात हुई | जब राजपूत व मुस्लिम के बीच युध चल रहा था | रानी कर्णावती चित्तोड़ के राजा की विधवा थी | राजा की अनुपस्थिति में राज्य की रक्षा करा पाना रानी के लिए बहुत बड़ी समस्या थी | उसे समझ नहीं आ रहा था की राज्य की रक्षा कैसे की जाए | उसी दौरान गुजरात के सुलतान बहादुर शाह जफ़र से खुद को व अपने राज्य को बचाने के लिए हिमायु से मदद मांगी | उन्होंने एक धागा (राखी ) हिमायु को भेजा और उनके राज्य को बचाने के लिए मदद मांगी | रानी की राखी पा कर बादशाह हिमायुं ने उन्हें बहन का द...
जानिये जब स्वयं माता सरस्वती कालिदास के सामने आयीं थीं तो क्या हुआ था
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mata sarsvati एक समय की बात है , कालिदास जी को चलते चलते बहुत प्यास लगी , उन्हें एक औरत दिखाई दी तो वो उनके पास गए और ...... कालिदास बोले :- माते पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा. स्त्री बोली :- बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला दूंगी। कालीदास ने कहा :- मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें। स्त्री बोली :- तुम पथिक कैसे हो सकते हो, पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं हमेशा चलते रहते। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ। कालिदास ने कहा :- मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें। स्त्री बोली :- तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं। पहला धन और दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता। सत्य बताओ कौन हो तुम ? . (अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो हो ही चुके थे) कालिदास बोले :- मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें। स्त्री ने कहा :- नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है। उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है, दूसरे पेड़ जिनको पत्थर ...
रटने से कोई लाभ नहीं, अर्थ को समझें | हनुमान चालीसा अर्थ सहित
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क्या आपको हनुमान चालीसा का अर्थ पता है ? क्या आप हनुमान चालीसा पढ़ते हैं ? क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं? बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो। बिना अर्थ के हनुमान चालीसा पढ़ने का कोई लाभ नहीं है ! तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!! ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि। बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि। अर्थ → गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।★ ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।★ अर्थ → हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सदबुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोष...